Shodashi Secrets
Wiki Article
एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
Unauthorized use or duplication of the substance without the need of Categorical and prepared permission from This website’s proprietor is strictly prohibited.
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः
या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, website यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।